चाटुकारिता की हद पार कर भूपेश बघेल की चरणवंदना कर रहे हैं कवासी लखमा : कृष्णमूर्ति बांधी

इंडिया एज न्यूज नेटवर्क

रायपुर : अपने ऊलजलूल बयानों से हमेशा सुर्खियां बटोरने वाले छत्तीसगढ़ के आबकारी मंत्री कवासी लखमा का एक और बयान राजनीतिक गलियारे में चर्चा का विषय बना हुआ है। चर्चा में रहेगा भी क्यों नहीं? उन्होंने तो मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को छत्तीसगढ़ के भगवान के तौर पर निरूपित किया हैं। लखमा का कहना है कि मुख्यमंत्री बघेल के पूर्वज आदिवासी रहे होंगे, तभी तो वह आदिवासी समाज के लिए बेहतर काम कर रहे हैं। इसके आगे के उनके बोल तो विज्ञान को भी चैलेंज करते हैं। लखमा का मानना है कि बघेल ने देवगुड़ी की पूजा की, जिसके कारण बस्तर में जमकर बारिश हो रही है। रायगढ़ में भेंट-मुलाकात कार्यक्रम में मीडिया ने जब मंत्री लखमा के बयान पर मुख्यमंत्री बघेल की प्रतिक्रिया ली गई तो उन्होंने भी खुद को भगवान साबित करने मौका न छोड़ते हुए लखमा की बात का समर्थन किया।

हालांकि शायद लोकलज्जा ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री बघेल ने मुस्कुराते हुए कहा कि यह उनकी भावना है। मैं समझता हूं कि सभी के पूर्वज कभी न कभी आदिवासी रहे होंगे। सभी अलग-अलग देश और क्षेत्र से होते हुए आए हैं। कौन कहां से आया है, कोई नहीं जानता। वह (लखमा) ऐसा कह रहे हैं, तो अच्छी बात है। आदिवासियों के हित में हमारी सरकार अच्छा काम कर रही है।

दरअसल, यह बयान छत्तीसगढ़ के आबकारी मंत्री कवासी लखमा ने दिया है। उन्होंने बीजेपी पर निशाना साधते हुए यह बात कही, मंत्री लखमा ने कहा कि ‘हम लोग भगवान को मानने वाले लोग हैं। राम वन गमन पथ, कौशल्या मंदिर बनाने से मोहन भागवत को पेट में बहुत दर्द हो रहा है। उनकी भी जल्दी छुट्टी होगी। ऐसी मुझे उम्मीद है। यह धरती कौशल्या माता की धरती है, यह धरती मां दंतेश्वरी की धरती है, यह बमलेश्वरी की धरती है, यह छत्तीसगढ़िया की धरती है। गरीबों की धरती है। यहां आकर कोई भी आदमी उल्टा सीधा बात करेगा, वह ज्यादा दिन काम नहीं आएगा। यह गरीब लोगों की सरकार है। भूपेश बघेल हर समाज को लेकर काम कर रहे हैं। भूपेश बघेल छत्तीसगढ़ का भगवान है। गोबर, गौमूत्र खरीदने वाली सरकार भगवान से कम नहीं होगा।’’

कवासी लखमा ने कहा कि यह ढोंग रचने वाले लोग हैं हम भगवान को मानने वाले लोग हैं। भगवान की असली पूजा करने से यही परिणाम मिला, राष्ट्रीय अध्यक्ष भी ज्यादा दिन तक नहीं रहने वाले है, हम वोट के लिए भगवान गणेश नहीं बिठाते। समाज के विकास के लिए गणेश बिठाते हैं। बीजेपी की तरह भगवान राम को वोट का एजेंडा नहीं बनाते हैं।

वहीं आरएसएस के जनसंख्या नियंत्रण को लेकर मंत्री कवासी लखमा ने कहा कि इंदिरा गांधी ने पूर्व में जनसंख्या नियंत्रण का कानून लाया था। तब यही लोग कूद कूद कर विरोध कर रहे थे। यह ढोंगी लोग हैं। हमारी पार्टी पंडित नेहरू और महात्मा गांधी के रास्ते में चलने वाली है। छत्तीसगढ़ में जनता का विकास हो और मोहन भागवत को यहां से छुट्टी दें, ऐसी हमारी शुभकामनाएं हैं।
वहीं मंत्री कवासी लखमा ने छत्तीसगढ़ बीजेपी की प्रभारी डी पुरंदेश्वरी को हटाए जाने को लेकर कहा कि ‘‘भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा 9 तारीख को आए थे। यह उसी का परिणाम है। मंच में डी पुरंदेश्वरी भाषण दे रही थी भारतीय जनता पार्टी के आॅफिस में जाकर मीटिंग ले रहे हैं और राष्ट्रीय अध्यक्ष को पता नहीं है। यह बोलते हैं भाजपा संगठन है। लेकिन संगठन से चलने वाला पार्टी नहीं है। मोदी और अमित शाह से चलने वाला पार्टी है।’’

वहीं नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल के बयान पर कवासी लखमा ने कहा कि ‘‘चंदेल को पता नहीं है। वह अभी अभी नए-नए बने हैं। उनको खुद को नहीं मालूम है कि वह किधर का है। चंदेल के निशाने में बृजमोहन अग्रवाल, रमन सिंह इनसे कैसे निपटेंगे। धरमलाल कौशिक बहुत गुस्से में है वह खुद ही निपटा देंगे इनको।’’

वहीं बस्तर में हो रही बारिश को लेकर कवासी लखमा ने कहा बस्तर में कोई परेशानी नहीं है। इतनी बारिश होने के बाद भी बस्तर में कोई नुकसान नहीं हो रहा है। छत्तीसगढ़ में पानी गिर रहा है। 1985 में राजीव गांधी आए थे वह बोले थे कि पानी को कोई नहीं जानता। पानी को सिर्फ जंगल जानता है। बस्तर के लोग बहुत खुश है, बस्तर में मुख्यमंत्री देव गुड़ी बना रहे हैं, इसीलिए पानी गिर रहा है। देव गुड़ी बहुत खुश है। गांव की देवी बहुत खुश है। भूपेश बघेल देवी के साथ जुड़ा हुआ आदमी है। किसी समय में इनके पूर्वज आदिवासी के यहां पैदा हुए रहे होंगे। इसीलिए मुख्यमंत्री बस्तर के आदिवासियों के लिए काम कर रहे हैं।

कवासी लखमा की इस ऊलजलूल बात को हाथोंहाथ लपकते हुए पूर्व नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने भी पलटवार किया है। कौशिक ने कहा कि लखमा के बयान के आधार पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के वंशावली की जांच के लिए रिसर्च टीम गठित करनी चाहिए। मंत्री ने जो बयान दिया है, वह गंभीर मामला है। पहले भी कांग्रेस के एक मुख्यमंत्री की जाति को लेकर काफी विवाद हुआ है। इसका निराकरण कैसे हुआ, यह सभी जानते हैं।

धरमलाल कौशिक ने कहा है कि हम गणेशजी की पूजा अर्चना अच्छे और सच्चे मन से करते हैं, कोई कुत्सित मानसिकता से उनकी पूजा-अर्चना करता है तो इस पर मैं कुछ नहीं कह सकता। हम देश, प्रदेश, समाज और परिवार की समृद्धि के लिए गणेशजी को पूजते हैं। आज ही आबकारी मंत्री कवासी लखमा ने कहा था कि उन्होंने गणेश भगवान की पूजा की, इसलिए भाजपा की प्रदेश प्रभारी डी पुरंदेश्वरी को हटाया गया।

छत्तीसगढ़ प्रदेश भाजपा प्रवक्ता कृष्णमूर्ति बांधी ने आबकारी मंत्री कवासी लखमा द्वारा मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को भगवान बताये जाने पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि बघेल के पिता नंदकुमार बघेल अब तक भगवान राम के लिए अपशब्द कहकर भारतीय सनातन संस्कृति का घोर अपमान कर जनमानस को मर्माहत कर रहे थे और अब कांग्रेस के मंत्री ने भूपेश बघेल को छत्तीसगढ़ का भगवान बताकर आदिवासी संस्कृति तथा देवी देवताओं का अपमान कर दिया।

मंत्री लखमा दावा कर रहे हैं कि भूपेश बघेल के कोई पूर्वज आदिवासी रहे होंगे तो इस दावे पर भाजपा का कोई सरोकार नहीं है। यह भूपेश बघेल और उनकी वंशावली का नितांत निजी मसला है और भाजपा इस पर कुछ नहीं कह रही। वैसे भी कांग्रेस में नकली आदिवासी का मुद्दा कोई नई बात नहीं है। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने जिसे आदिवासी मानकर छत्तीसगढ़ का मुख्यमंत्री बनाया था, उसे भूपेश बघेल आदिवासी नहीं मानते। अब भूपेश बघेल के भक्त मंत्री कवासी लखमा उन्हें भगवान और आदिवासी बता रहे हैं तो भूपेश बघेल स्पष्ट करें कि वे कौन से भगवान हैं। वे यह भी बतायें कि उनके पूर्वज आदिवासी समाज को क्यों छोड़ गए? भूपेश बघेल ने अवश्य आदिवासी समाज को अपने हाल पर छोड़ दिया है। धर्मांतरण का विरोध करने वाले आदिवासियों का दमन हो रहा है। बघेल भगवान नहीं, उनका शोषण करने वाले मुख्यमंत्री है। उन्होंने छत्तीसगढ़ की जनता से वादाखिलाफी का गुनाह किया है। आदिवासियों के दमन का गुनाह किया है। युवा पीढ़ी के साथ धोखेबाजी का गुनाह किया है। छत्तीसगढ़ को लूट लूटकर कांग्रेस का घर भरने का गुनाह किया है। किसानों के साथ छल कपट करने का गुनाह किया है। कर्मचारियों से प्रति गुनाह किया है। लाखों बेघर गरीबों के प्रति गुनाह किया है। छत्तीसगढ़ की बेटियों, बहनों, माताओं के विरुद्ध गुनाह किया है इसीलिए वह भगवान नही बल्कि गुनहगार है।

प्रदेश भाजपा प्रवक्ता कृष्णमूर्ति बांधी ने कहा कि मंत्री कवासी लखमा के भगवान भूपेश ने जो गुनाह किये हैं उन्हें जनता रूपी लोकतांत्रिक देवता कभी क्षमा नहीं कर सकता। कांग्रेस में व्यक्तित्व वाद की जगह व्यक्तिवाद की संस्कृति है और कवासी कांग्रेस की इसी संस्कृति के अनुरूप चाटुकारिता की हद पार कर भूपेश बघेल की चरणवंदना कर रहे हैं। कांग्रेस इस संस्कृति के तहत किसी भी हद तक जा सकती है। कवासी चाहें तो गुनाहों के देवता का मंदिर बनवा लें और चौबीसों घंटे भूपेश भूपेश का जाप करें लेकिन उन्हें देवी देवताओं और आदिवासी संस्कृति व आस्था का अनादर करने का कोई अधिकार नहीं है। उनके अपने इलाके के आदिवासी अज्ञात बीमारी से दम तोड़ रहे हैं और निष्ठुर कवासी भूपेश धुन गा रहे हैं, यह बेहद निर्लज्ज परिदृश्य है। ऐसी सरकार से जनता को बचना ही होगा।

India Edge News Desk

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